मैं कहता आंखन देखी
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यदि शीघ्र सफलता तुमको है पानी।
अपराध करो, करो बेईमानी ॥
जीवन तुम्हारा बनेगा सुखमय ।
विलास मिलेगा, रहे न कोई भय ॥
बेईमानी करें सफलता उनकी ।
ईमानदारों की नहीं कोई गिनती ॥
ईमानदारों का जीवन हो रुखा ।
न मिले सफलता, सुखा ही सुखा ॥
जगवाले माने सफलता उनकी ।
चोर, डाकू, कपटी जो सनकी ॥
स्वार्थ, हिंसा में जो हो चुके अंधे ।
सुबह से शाम करें गलत धंधे ॥
क्या रखा है उच्च शिक्षा में प्यारे ।
रिश्वत, सिफारिस के सब हैं द्वारे ॥
केवल उच्च शिक्षा बेकार है कती ।
जो ने माने वह मूढमती ॥
राजपाठ में जिनका है हिस्सा ।
सफलता मिले उन्हें ही हर दिशा ॥
बेकार है इनके बिना पढना ।
लंगडे-लूले का हिमालय चढना ॥
जो करते केवल पढाई पर भरोसा ।
दिशारहित नहीं उनके जैसा ॥
असफलता मिलेगी उन्हें हर पग में ।
व्यर्थ हुआ उनका जन्म लेना जग में ॥
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