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नेता मेरा नाम भारत लूट का KAA

मैं कहता आंखन देखी
मैं कहता आंखन देखी
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सर्व कुकर्म की खान हूं, नेता मेरा नाम ।
भ्रष्टाचार में डूबा हूं, यही मेरा काम ॥
नेता हूं भारत का, मूढता मेरी जन्मजात ।
दंगें करवाने में समर्थ हूं, हो मामूली बात ॥
बुद्धि मुझमें है नही, विवेक है कोसो दूर ।
नेता हूं मैं भारत का, भ्रष्टाचरण मजबूर ॥
पत्थर, रोडॆ हजम करु, पशूओं का चारा खाऊं ।
नेता हूं मैं भारत का, अपना परिचय बतलाऊं ॥
इतनी दौलत लूटी है, गिनने में न आए ।
मेरा भारत महान है, हर कोइ यही बतलाए ॥
सौ में से दस खर्च किए, बाकी लिए डकार ।
भारत राष्ट को लूट रहे, नेता यहां मक्कार ॥
विकास का पैसा लूटकर, विदेशों में दिया भेज
महंगी दारु पीकर के, सुंदरी संग सोवे सेज ।।
एक वक्त का भोजन नहीं, रहने को नहीं स्थान ।
भारतराष्ट्र को लूट लिया, क्या होगा भगवान ।।
भारत सोने की चिडिया नही, था हीरे का बाज ।
नेताओं ने लूट लिया, भिखारी बना है आज ।।
चोरी की, जारी की, की अनेक डकेती ।
खोटी नीयत नेता की, भावना बदके की रह्ती ॥
भ्रष्टाचार की खेती का भारत उपयुक्त स्थान ।
देशद्रोही पलते यहां, आतंकवादी यहां मेहमान ॥
रुप बदलनें में दक्ष है, भारतराष्ट्र का नेता ।
देने को बेइमानी है, कहीं से भी धन लूट लेता ॥
राष्ट्र के टुकडे हों, मर्यादा मिल जाए धूल ।
स्वार्थ मेरा पूरा हो, बाकी बकबक फिजूल ॥
भूख और बेकारी, अशिक्षा का राज ।
सब मेरी पूजा करें, नेता मैं गरीब नवाज ॥
वायदे ही करता रहूं, करुं नहीं किसी को पूरा ।
हकीकत में कुछ हो नही, नेता मैं भारत का ॥
फूट डालू, राज करुं, अंग्रेजों को पीछे छोड ।
सांप्रदायिक दंगे किए, प्ररस्पर दिलों को तोडा ॥
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो है बस बेइमानी ।
विश्वासघात करके भी, मैं हूं स्वतंत्रता सेनानी ॥
प्रभु तेरी कृपा का, हम पर है प्रसाद ।
हम नेताओं के छ्ल से, भारत अभी नहीं आजाद ॥

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